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उत्तर भारत में गर्मी का अलर्ट, दक्षिण के राज्यों में राहत

भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस हफ्ते उत्तर भारत में बढ़ते तापमान को लेकर चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने कहा है कि उत्तरी और मध्य भारत के राज्य, जैसे- हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए अभी से यलो अलर्ट जारी कर दिया है, जिसका मतलब है कि आम लोगों के लिए गर्मी बर्दाश्त करने वाली होगी, लेकिन बुजुर्गों, नवजात बच्चों और बीमारी से पीड़ित लोगों को इससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

मौजूदा समय में उत्तर भारत में तापमान लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। दरअसल, दिल्ली में अप्रैल के शुरुआती पांच दिन का औसत तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक होता है। 5 अप्रैल को दिल्ली का तापमान 35.7 डिग्री दर्ज हुआ, जो कि सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। यानी राजधानी में हीटवेव की स्थिति नहीं रही। हालांकि, 6 अप्रैल को दिल्ली में अधिकतम तापमान 38.2 डिग्री सेल्सिय दर्ज किया गया। यह 5 अप्रैल के मुकाबले तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी रही।

आमतौर पर दिल्ली के लिए अप्रैल में 40 डिग्री सेल्सियस या इससे ऊपर का तापमान अब असामान्य बात नहीं है। मौसम का अनुमान लगाने वाली वेबसाइट स्काईमेट के मुताबिक, दिल्ली में अप्रैल के अंतिम हफ्ते में तापमान 40 डिग्री के मानक को पार कर जाता है। हालांकि, इसी हफ्ते तापमान 42 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो भारत में जल्द ही बढ़ा हुआ तापमान नए रिकॉर्ड बना सकता है।

अप्रैल 2023 और 2024 में दिल्ली का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचा था, लेकिन तब इसे हीट वेव (लू) नहीं माना गया। हीट वेव का एलान सिर्फ तब होता है, जब तापमान 40° सेल्सियस या उससे अधिक हो और सामान्य तापमान से 4.5° सेल्सियस या उससे ज्यादा का अंतर हो। उदाहरण के तौर पर– अप्रैल के महीने में हर 5 दिन के बाद औसत तापमान थोड़ा-थोड़ा कर के बढ़ता है। महीने के आखिरी हफ्ते में औसत तापमान 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यानी अगर इस समय किसी दिन का तापमान 40°C होता है, तो यह सामान्य से सिर्फ 2-3 डिग्री ज्यादा माना जाएगा। इसका मतलब हीट वेव की स्थिति नहीं मानी जाएगी। हालांकि, अगर अप्रैल के शुरुआती दिनों में ही तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच जाए और बीते वर्षों की तुलना में सामान्य तापमान 4.5 डिग्री सेंटीग्रेड ज्यादा हुआ तो यह हीटवेव की स्थिति होगी। यानी तापमान सिर्फ 40 डिग्री के पार जाना ही हीटवेव की निशानी नहीं है, बल्कि तापमान का अप्रत्याशित रूप से सामान्य से ज्यादा होना हीटवेव के लिए अनिवार्यता है।

भारत में अप्रैल में हीटवेव की स्थिति इसलिए तय मानी जा रही है, क्योंकि इसी हफ्ते उत्तरी हिस्सों में तापमान कम से कम 42-43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। यह स्थिति अप्रैल के शुरुआत में ही पैदा हो गई है। इससे साफ है कि दिल्ली में तापमान आज ही 40°C पार कर सकता है और अगले दो दिन भी इसी तरह तापमान बढ़ता रहेगा। यानी 7 से 9 अप्रैल के बीच हीट वेव की स्थिति बन सकती है। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की वजह से इसके बाद तापमान में गिरावट आ सकती है। 9 से 11 अप्रैल के बीच उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की भी संभावना है। लेकिन मौसम प्रणाली के गुजर जाने के बाद फिर से तापमान बढ़ सकता है।

मध्य भारत की बात करें तो बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र बनने की वजह से मौसम के आगे तेजी से बदलने की संभावना है। दरअसल, यहां चक्रवाती तूफान की स्थिति बन रही है, जिससे क्षेत्र में मौसम मूसलाधार बारिश का बन रहा है। फिलहाल बिहार से झारखंड के उत्तर-पूर्वी भागों और उससे सटे क्षेत्रों पर चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। एक ट्रफ रेखा पूर्वी बिहार से उत्तर तेलंगाना तक फैली हुई है, जो झारखंड और छत्तीसगढ़ में बने चक्रवाती परिसंचरण से होकर गुजर रही है। वहीं, एक उत्तर-दक्षिण दिशा में ट्रफ मराठवाड़ा से शुरू होकर दक्षिण तमिलनाडु तक फैली है, जो आंतरिक कर्नाटक से होकर जाती है। एक और चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और उससे सटे क्षेत्रों पर स्थित है।

दूसरी तरफ तमिलनाडु में इस हफ्ते मौसम थोड़ा राहत भरा रहने का अनुमान है। अगले दो दिन राज्य के कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत से उलट दक्षिण भारत में बारिश की वजह से यलो अलर्ट जारी हुआ है। रामनाथपुरम, तंजावुर, पुदुकोत्तई, नागपट्टिनम समेत कुछ जिलों में यलो अलर्ट तक जारी किया गया। इस दौरान यहां तापमान 35 डिग्री के करीब रहेगा। कुछ ऐसी ही स्थिति केरल की भी है, जहां अगले पांच दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कुछ क्षेत्रों में तो 65 से 115 मिमी बारिश तक का अनुमान है। वहीं, कुछ जगहों पर तूफान आने की भी संभावना है। मौसम विभाग ने इदुक्की, थ्रिसूर और एर्नाकुलम के अलावा तिरुवनंतपुमर और पथनमथिट्टा के लिए यलो अलर्ट का एलान किया है। इसके अलावा कर्नाटक में भी 13 अप्रैल तक कुछ जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तर कन्नड़, दक्षिण कन्नड़, उडुपी, बेलगावी, बगलकोट, बंगलूरू, चामराजनगर, मैसूर, मांड्या, विजयनगर समेत दर्जनभर जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान तापमान भी 21 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।

मौसम विभाग ने अप्रैल की शुरुआत को जारी अपने अनुमान में कहा था कि इस साल अप्रैल से लेकर जून तक गर्मी के सीजन में तापमान ‘सामान्य से ऊपर’ रहेगा। साथ ही लू वाले दिनों में भी बढ़ोतरी देखी जाएगी। खासकर उत्तर भारत, मध्य भारत और पूर्वी भारत के क्षेत्रों में गर्मी बेतहाशा बढ़ेगी। सिर्फ सुदूर दक्षिण के क्षेत्र, पूर्वोत्तर का क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश का कुछ इलाका ही इस जबरदस्त गर्मी में कुछ हद तक सुरक्षित रहेंगे।

गौरतलब है कि राज्यों में लू वाले दिन स्थान के हिसाब से अलग-अलग रहे हैं। जैसे राजस्थान में गर्मियों के दौरान आमतौर पर आठ से 12 लू वाले दिन दर्ज होते हैं। हालांकि, 2024 में पूर्वी राजस्थान में 23 लू वाले दिन दर्ज हुए थे। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में यह संख्या 29 दिन थी। इसी तरह उत्तर प्रदेश में 10-12 दिन लू चलने का अनुमान रहता है। लेकिन बीते साल इनकी संख्या बढ़कर 32 रही थी। दूसरी तरफ लू का असर पिछले साल पूर्वोत्तर के राज्यों में भी दर्ज किया गया। नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा तक में गर्मी में भीषण बढ़ोतरी हुई। वहीं, दक्षिण में केरल में छह दिन तक लू के थपेड़े चले। 2024 में भारत सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के लू वाले दिनों का जोड़ 554 आता है। यानी भारत के राज्यों में औसतन 15 दिन हीटवेव वाले रहे हैं। यह बीते 14 वर्षों में सबसे ज्यादा रहा। इससे पहले 2010 में भारत के सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में लू वाले दिनों का जोड़ 578 था।

चौंकाने वाली बात यह है कि 2024 भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए सबसे गर्म वर्ष रहा है। हालांकि, लू वाले दिनों में बढ़ोतरी और किसी साल में सबसे ज्यादा औसत तापमान का कोई सीधा संबंध नहीं है, क्योंकि हीटवेव वह स्थिति होती है, जब तापमान छोटे-छोटे क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से ज्यादा होता है। वहीं, वार्षिक तापमान किसी क्षेत्र या पूरे देश में तापमान का औसत होता है। उदाहरण के तौर पर 2023 भारत में दूसरा सबसे गर्म साल रहा। हालांकि, इसमें महज 230 ही लू वाले दिन थे। सालाना औसत तापमान के लिहाज से 2022 भी कम गर्म था। हालांकि, इस साल भारत में कुल लू वाले दिनों की संख्या 467 दर्ज की गई थी। मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम भारत और देश के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में साल 2000 के बाद से ही हर दशक में तीन लू वाले दिन बढ़ रहे हैं। खासकर तटीय क्षेत्र वाले राज्यों- ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में। देश में लू के कुछ दिन गर्मी के मौसम से इतर फरवरी में भी दर्ज किए गए।

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