कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवादित बयान पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कुणाल के कटाक्ष की तुलना किसी के खिलाफ बोलने के लिए ‘सुपारी; लेने से की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कटाक्ष करते समय एक शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए, अन्यथा कार्रवाई की वजह से प्रतिक्रिया होती है। शिंदे ने सोमवार को कामरा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और हमें भी व्यंग्य समझ में आता है, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए।
36 साल स्टैंड-अप कॉमेडियन ने अपने शो में शिंदे का नाम लिए बिना उनके राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था। उन्होंने महाराष्ट्र के एक बड़े राजनीतिक भूचाल का भी हवाला दिया था। कामरा ने फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक लोकप्रिय हिंदी गाने की पैरोडी की थी। इसमें शिंदे को बिना उनका नाम लिए ‘गद्दार’ कहा गया था। उन्होंने शिवसेना और एनसीपी के विभाजन सहित महाराष्ट्र में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी चुटकुले बनाए थे।
टिप्पणी के बाद रविवार की रात शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार इलाके में हैबिटेट कॉमेडी क्लब पर धावा बोल दिया था। यहीं कुणाल कामरा का शो हुआ था। इसके साथ ही उस होटल को भी नुकसान पहुंचाया गया था, जिसके परिसर में क्लब स्थित है। समाचार एजेंसी के मुताबिक, एक समाचार पत्र के एक कार्यक्रम में शिंदे ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हम व्यंग्य को समझते हैं, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए ‘सुपारी’ लेने जैसा है।’ शिवसैनिकों के उपद्रव पर शिंदे ने कहा कि हर व्यक्ति को एक निश्चित स्तर बनाए रखना चाहिए। अन्यथा, क्रिया प्रतिक्रिया का कारण बनती है।
शिंदे ने कहा, ‘इसी व्यक्ति ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए काम करना है। इससे पहले कुणाल कामरा ने शिंदे से माफी मांगने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह शिंदे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने मुंबई में उस स्थान पर तोड़फोड़ की आलोचना की थी, जहां कॉमेडी शो की रिकॉर्डिंग की गई थी।