तहसील चंदौसी क्षेत्र के गांव जनेटा में सैकड़ों वर्ष पुरानी दरगाह शरीफ के सरकारी जमीन पर होने का दावा किया गया है। एक ग्रामीण का कहना है कि दरगाह पर मेला लगाकर अवैध वसूली की जाती है। प्रशासन ने मुतवल्ली से कागजात मांगे थे। मुतवल्ली ने इसे वक्फ की संपत्ति बताते हुए दस्तावेज उपलब्ध करा दिए हैं।
अब जांच के बाद सामने आएगा कि दरगाह किसकी भूमि पर बनी है। प्रशासन का कहना है कि प्रथमदृष्टया दस्तावेजों में वक्फ की जमीन की पुष्टि नहीं है। यदि जमीन सरकारी पाई गई तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी। चंदौसी के गांव जनेटा में आस्ताना आलिया कादरिया नौशहिया दरगाह है। इस दरगाह के मुतवल्ली गांव के डाॅ. सैयद शाहिद मियां हैं।
तीन दिन पहले डीएम से शिकायत कर शाहिद मियां पर दरगाह की भूमि पर अवैध कब्जा करने और फर्जी मुतवल्ली बनकर मेले के माध्यम से अवैध उगाही करने का आरोप लगाया था। बृहस्पतिवार को तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गांव पहुंचकर दरगाह के बारे में जानकारी की।
साथ ही मौके का मुआयना कर मुतवल्ली से दरगाह और भूमि के दस्तावेज दिखाने को कहा। शनिवार को मुतवल्ली ने तहसीलदार को दरगाह की भूमि संबंधित दस्तावेज सौंपे। तहसीलदार का कहना है कि अब इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
जनेटा दरगाह को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। यहां हर साल चार दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें जनपद के अलावा दूसरे शहरों के दुकानदार रोजगार के लिए आते हैं। इस बार मेले से ठीक पांच दिन पहले मेले को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। इसके बाद प्रशासन ने धारा 63 का हवाला देते हुए मेला लगाने की अनुमति नहीं दी। बाद में दरगाह कमेटी को मेला स्थगित करना पड़ा।
वक्फ संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद जनेटा दरगाह का ये प्रकरण जिले का पहला मामला बन गया है। कुछ ग्रामीणों का दावा है कि दरगाह की भूमि सरकारी संपत्ति है। इस पर डॉ. सैयद ने अवैध रूप से कब्जा करके खुद को मुतवल्ली घाेषित कर लिया है। यहां हर साल मेला लगाकर अवैध उगाही की जाती है।