ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आज PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के पीएम रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा करेंगे. बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करना और सुरक्षा बढ़ाना है. साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा होगी. बता दें कि बोरिस जॉनसन भारत की अपनी दो दिवसीय यात्रा के तहत बृहस्पतिवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे थे. शहर के हवाई अड्डे से एक होटल तक चार किलोमीटर के रास्ते पर उनका भव्य स्वागत किया गया.
बोरिस जॉनसन गुरुवार देर रात दिल्ली पहुंचे, जहां केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एयरपोर्ट पर उनकी अगवानी की. बोरिस जॉनसन राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में भाग लेंगे और बाद में राज घाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भी बातचीत करेंगे. दोपहर करीब एक बजे दोनों पक्ष हैदराबाद हाउस में प्रेस बयान जारी करेंगे.
चिकित्सा उपकरणों को भारत में निर्यात करने पर चर्चाउच्चायोग ने कहा कि पिछले साल दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू की गई ‘ब्रिटेन-इंडिया एन्हांस्ड ट्रेड पार्टनरशिप’ के बाद व्यवसायों के लिए लालफीताशाही कम करने पर काम पहले से ही चल रहा है. इसमें कहा गया है कि सरकारें ब्रिटेन-निर्मित चिकित्सा उपकरणों को भारत में निर्यात करना आसान बनाने के लिए नए उपायों की घोषणा करेंगी. उसने कहा कि इससे ब्रिटेन में नौकरियों को बल मिलेगा तथा रेडकार-स्थित माइक्रोपोर टेक्नोलॉजीज जैसी ब्रिटेन की ‘मेड-टेक’ कंपनियों के लिए भारत में जीवन रक्षक उत्पादों को बेचने के अवसर उत्पन्न होंगे, जो कि 2.4 अरब पाउंड का आयात बाजार है.
मुलाकात से पहले क्या बोले जॉनसन10 करोड़ पाउंड (करीब 995 करोड़ रुपये) के निवेश से स्थापित होने वाले जेसीबी के एक नये कारखाने के उद्घाटन के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में जॉनसन ने कहा, ‘हम यूक्रेन के मुद्दे को पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कूटनीतिक रूप से उठा चुके हैं. वास्तव में, उन्होंने (भारत ने) बुचा (यूक्रेन में एक शहर) में अत्याचार की कड़ी निंदा की थी.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह यूक्रेन पर भारत के रुख के मुद्दे को मोदी के साथ उठाएंगे, जॉनसन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर कोई समझता है कि भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रूप से बहुत अलग रिश्ते हैं, जैसे कि रूस और ब्रिटेन के बीच पिछले कुछ दशकों में थे.’ (भाषा इनपुट के साथ)