भारतीय शेयर बाजार में लगातार 7 दिनों की तेजी के बाद आज 26 मार्च को गिरावट आई। अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता और निवेशकों की मुनाफावसूली के चलते बाजार में दिखा। बीएसई सेंसेक्स 671.76 अंक लुढ़ककर 77,345.43 के निचले स्तर पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी इस दौरान फिसलकर 23,500 के स्तर पर आ गया। छोटे और मझोले शेयरों में लगातार तीसरे दिन बिकवाली • दिखी। निफ्टी पर टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, एक्सिस बैंक और डॉ रेड्डी लैब्स सबसे अधिक गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।
निवेशकों में इस समय सबसे अधिक अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी को लेकर चिंताएं देखी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को “मुक्ति दिवस (Liberation Day)” की तरह बताते हुए इस दिन कई बड़े टैरिफ फैसलों के ऐलान की बात कही है। माना जा रहा है कि इस दौरान वह कई देशों पर रेसिप्रोकल यानी जवाबी टैक्स लगाने का ऐलान कर सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि “कुछ देशों को छूट मिल सकती है, लेकिन
अधिकतर देशों को नहीं।” ट्रंप के इस बयान से निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ गई। अमेरिका के इस कदम से ग्लोबल व्यापार पर असर पड़ सकता है, जिससे भारतीय बाजार में भी दबाव देखने को मिला। लगातार सात दिनों की तेजी के बाद, निवेशकों ने बुधवार को ऊंचे स्तरों पर मुनाफा वसूली का विकल्प चुना, जिससे बाजार में गिरावट आई। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड, श्रीकांत चौहान ने कहा, “बाजार में हालिया उछाल के बाद अब ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली देखी जा रही है। हालांकि, बाजार का शॉर्ट टर्म स्ट्रक्चर अब भी मजबूत बना हुआ है।”
शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 6 पैसे गिरकर 85.78 पर आ गया। करेंसी मार्केट के जानकारों ने बताया कि शेयर बाजार में अस्थिरता, डॉलर इंडेक्स की मजबूती और महीने के अंत में डॉलर की बढ़ती मांग के चलते रुपये पर दबाव बढ़ा है। इससे पहले मंगलवार को रुपये ने लगातार 7 दिनों की बढ़त का सिलसिला तोड़ा था और 11 पैसे गिरकर 85.72 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
जियोजिक इनवेस्टमेंट्स के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा, “23,600 के स्तर ने पहले गिरावट को रोकने में मदद की, लेकिन अब एक ‘Evening Star’ पैटर्न बन रहा है। अगर यह कंफर्म हुआ, तो Nifty 23,600 तोड़कर 23,300 तक गिर सकता है। हालांकि, अगर Nifty 23,700-23,760 के ऊपर जाता है, तो गिरावट थोड़ी थम सकती है। लेकिन 24,200 की ओर कोई तेज उछाल फिलहाल मुश्किल दिख रही है।”