मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल गया है। मध्य प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत पाकर 163 सीटें जीतने में सफल रही। वहीं राजस्थान में भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। छत्तीसगढ़ में भाजपा 54 सीटें जीतकर सत्ता कब्जाने में सफल रही है। मिजोरम में मतगणना जारी है। पल-पल के अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें अमर उजाला।
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में 1984 से कभी कांग्रेस तो कभी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकारें रही है। इस बार यह देखना रोचक होगा कि एमएनएफ के जोरमथांगा अपनी सरकार को बचा पाते हैं या फिर राज्य पूर्व आईपीएस लालदुहोमा की नेतृत्व में बनी नई राजनीतिक पार्टी जोरम पिपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) कोई नई राजनीतिक समीकरण बनाएगी।
मध्यप्रदेश की सत्ता पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी काबिज होते दिख रही है। प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान कr विदाई का रास्ता देख रहे विरोधियों को भी करारा जवाब मिला है। चौहान एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहे हैं। चुनाव में भले ही केंद्रीय नेतृत्व ने शिवराज को चेहरा न बनाया हो, बावजूद इसके शिवराज ही केंद्र में नजर आए। 230 विधानसभा सीटों में से 160 सीटों पर उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां और सभाएं कीं। शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहन योजना चुनाव में गेम चेंजर साबित हुई। इस बंपर जीत के पीछे महिला वोटरों की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। आइये जानते है किस तरह से चार बार मुख्यमंत्री रहे चुके शिवराज ने सत्ता विरोधी लहर को दूर किया और एमपी का मैदान अपने नाम कर लिया।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में नेताओं ने धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण का कार्ड जमकर चलाया। हिंदू-मुस्लिम, बाबर, औरंगजेब और पाकिस्तान की भी खूब चर्चा हुई। इस सब के बीच कांग्रेस से 15 मुस्लिम चेहरों ने चुनाव लड़ा। वहीं, भाजपा से एक भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं था। तिजारा और पोकरण सीट ऐसी थी जहां भाजपा से कट्टर हिंदुत्व छवि बाबा बालकनाथ और महंत प्रतापपुरी महराज ने चुनाव लड़ा।
छत्तीसगढ़ मेंं रुज्ञान परिणाम में बदलने लगे हैं। चुनाव आयोग से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 53 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है और एक पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं 34 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। पूर्व सीएम रमन सिंह जीत गए हैं, जबकि अंबिकापुर से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव हार गए।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के पुराने शहर के अपने पारंपरिक गढ़ पर दबदबा बरकरार रखा। एआईएमआईएम उम्मीदवारों ने नौ सीटों में से सात पर जीत हासिल की। पार्टी 2009 से इन सीटों पर जीत रही है।