गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई हिंसा के बाद हरियाणा के रेवाड़ी में स्थानीय लोगों का गुस्सा किसान नेताओं पर फूट पड़ा। कहा जा रहा है कि डंगूरवाल गाँव में 15 ग्रामों के लोगों ने कल की घटना के बाद एक पंचायत की। इसके बाद किसान नेताओं को हाईवे खाली करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय ग्रामीण बहुत ज्यादा गुस्से में है। उनका मत है कि आखिर किसान नेता हाईवे बंद करके क्यों बैठे हैं। इसके अलावा वह तिरंगे का अपमान किए जाने से भी नाराज़ है।
यहाँ बता दें कि जिन ग्रामों ने पंचायत की है वे दिल्ली-जयपुर हाईवे पर साहबी पुल के निकट स्थित है जहाँ आंदोलनकारी पिछले 2 माह से विरोध के नाम पर बैठे हुए हैं। पंचायत में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि एक महीने से प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है, जिस कारण आसपास के ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
उनके अनुसार, हाईवे का ट्रैफिक गाँव से गुजर रहा है तथा गाँवों के लिंक रोड व पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी हैं। वाहनों की टक्कर से बिजली के खंभे भी टूट गए हैं। ग्रामीण कहते हैं कि आंदोलन की आड़ में लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ है, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ग्राीमीणों के इस तरह हाईवे पर पहुँचने के कारण पंचायत प्रतिनिधियों व प्रदर्शनकारियों के बीच बहस भी हुई जिससे वहाँ तनाव की स्थिति बन गई थी। मगर, बातचीत के दौरान वहाँ भारी पुलिस बल तैनात था इसलिए मामला शांत हो गया। ग्रामीणों ने कहा कि यदि 24 घंटे में हाईवे खाली नहीं किया गया तो फिर से पंचायत कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
दूसरी ओर हाईवे पर शाहजहाँपुर खेड़ा बॉर्डर पर हरियाणा पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिशन ने जय किसान आंदोलन के संयोजक योगेंद्र यादव का पुतला जलाकर लाल किला पर हुई घटना का विरोध किया। पेट्रोलियम एसोसिएशन ने भी हाईवे खोलने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।
उन्होंने राजमार्ग न खोले जाने पर बुधवार को करनावास स्थित तेल टर्मिनल डिपो के सामने धरना शुरू करने की चेतावनी दी है। मालूम हो, करनावास में इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व रिलायंस के तेल डिपो है। रेवाड़ी से प्रदेश के 9 जिलों के पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति होती है।
इसके अलावा बुधवार को रेवाड़ी-रोहतक गंगायचा टोल प्लाजा पर 4 जनवरी से धरने पर बैठे किसानों को मौके पर पहुँचे भारी पुलिस बल ने खदेड़ दिया। प्रदर्शनकारी ने विरोध किया तो सरकार के आदेश बताकर टोल को खाली करवा दिया गया।