भारत में बीते चार दिन से रोज़ाना कोरोना संक्रमण के दो लाख से अधिक नए मामले आ रहे हैं. राजधानी दिल्ली की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है.
दिल्ली में पॉज़िटिविटी रेट यानी संक्रमण होने की दर 30 फ़ीसद तक पहुंच गई है. इसका मतलब ये हुआ कि जांच कराने वाला हर तीसरा शख़्स संक्रमित मिल रहा है.
दैनिक हिंदुस्तान की ख़बर के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से मदद की अपील की है और माना है कि दिल्ली में हालात ख़राब हैं. बीते रविवार को राजधानी दिल्ली में 25 हज़ार से अधिक मामले सामने आए और 161 लोगों के मौत की पुष्टि की गई.
अख़बार लिखता है कि ये स्थिति चिंता में डालने वाली इसलिए है कि दिल्ली में रात का कर्फ्यू लागू है और वीकेंड पर लॉकडाउन लागू था, बावजूद इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा माना जा रहा था कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली है वो सुरक्षित होंगे लेकिन देश में अभी तक सिर्फ़ 1.61 करोड़ लोगों को ही टीके की दोनों ख़ुराक मिल सकी है.
टल गई जेईई की मुख्य परीक्षा
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण दसवीं, बारहवीं के बाद अब जेईई (मेन) की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इसकी जानकारी दी.
उन्होंने ट्वीट किया- कोरोना की स्थिति को देखते हुए जेईई(मेन) की परीक्षा को टालने का फ़ैसला लिया गया है. छात्रों की सुरक्षा और उनका शैक्षणिक करियर हमारी प्राथमिकता है
द हिंदू की ख़बर के अनुसार, पहले ये परीक्षा 27, 28 और 30 अप्रैल की आयोजित होनी थी. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जेईई मेन एग्ज़ाम को चार सेशन में आयोजित कर रही है. दो सेशन एजेंसी की ओर से पूरे किए जा चुके हैं. पहला सेशन 23-26 फरवरी 2021 के बीच आयोजित किया गया था. जबकि दूसरा सेशन 16-18 मार्च में. पहले सेशन में कुल 620978 और दूसरे सेशन में 556248 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे.
कुंभ से लौटे लोगों को 14 दिन आइसोलेशन में रहने की हिदायत
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हरिद्वार में कुंभ से लौटने वालों को दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपनी जानकारी साझा करने और 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने को कहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, राजधानी में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनज़र यह क़दम उठाया गया है.
दिल्ली सरकार के इस आदेश में कहा गया है कि कुंभ से लौटे हर शख़्स को यह विवरण देना अनिवार्य है और अगर कोई कुंभ से लौटने के बाद आइसोलेशन में नहीं रहता है और सही जानकारी अपलोड नहीं करता है तो उसे ज़िला मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा और फिर उस सरकारी क्वारंटीन सेंटर भेज दिया जाएगा.
कोरोना महामारी के दौर में चेक बाउंस रेट भी बढ़ा
कोविड-19 की दूसरी लहर का असर आम जन-जीवन पर तो देखने को मिल ही रहा है लेकिन अब इसका असर बैंकों पर भी दिखना शुरी हो गया गया. बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, एचडीएफ़सी बैंक ने बताया है कि अप्रैल महीने में चेक बाउंस के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है.
अख़बार ने बैंक के हवाले से लिखा है कि इसकी एक बड़ी वजह स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था हो सकती है. बैंक के एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि आने वाले समय में चेक बाउंस के मामले तेज़ी से बढ़ सकते हैं. लेकिन बैंक का कहना है कि भले ही चेक बाउंस बढ़े हों लेकिन इस बार पहले की तुलना में अनिश्चितता कम नज़र आ रही है.